अभिनेता मनोज बाजपेयी जी “जोरम” फिल्म कम स्क्रीन पे रिलीज़ होने के बाद भी सफ़ल क्यों है?
अभिनेता मनोज बाजपेयी जी ने हाल ही में अपने 2023 के फिल्म ‘जोरम‘ को थिएटर में बड़ी संख्या में दर्शकों के लिए नहीं देखने पर अपनी असंतोष व्यक्त की।
उन्होंने कहा की लोग हजारों रुपये खर्च करते हैं मेनस्ट्रीम इंटरट्रेनेर पर, वे ‘असली सिनेमा’ नहीं देखते।
जिस्ट के साथ मनोज जी ‘जोराम’ के बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने यइस दौरान उन्होंने दर्शकों की ओर इशारा करते हुए कहा की , “इनमें से किसी ने नहीं देखी होगी (यहां कोई ने फिल्म नहीं देखी होगी)। मैं तुम्हें बता रहा हूँ, यह यथार्थ है। ह कहते हैं कि उन्होंने जानबूझकर ‘जोराम’ को कम सिनेमाघरों में रिलीज किया था क्योंकि वे यह जानना चाहते थे कि क्या दर्शकों का दिमाग उसी तरह काम करता है जैसा वे सोचते हैं, या दर्शक दूसरी तरह की फिल्में देखना चाहते हैं।
अब ज्यादातर छोटे बजट की और कंटेंट से भरपूर फिल्में सीधे OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज होती हैं तो ‘जोरम’ को सिनेमाघरों में लाना एक सोचा समझा जोखिम था।मनोज कहते हैं कि सभी फिल्में आखिर में OTT पर आएंगी। हमने परिणाम जानते हुए भी प्रयोग किया। हम ‘जोरम’ को सिनेमाघरों में कम स्क्रीन पर रिलीज करके देखना चाहते थे कि दर्शक इसे देखने के लिए घरों से बाहर निकलेंगे या नहीं। टिकट सस्ते होने के बाद भी लोग नहीं आए।
मनोज जी ने बताया कि ‘जोरम’ 350 स्क्रीन्स पर रिलीज हुई थी। ऐसे मे अगर इन सभी स्क्रीन्स पर लोग फिल्म देखते तो 60 लाख रुपये की कमाई हो जाती।निर्माता करोड़ों रुपये कमाने के बारे में नहीं सोच रहे थे, उन्हें एक जोखिम लेना था।अभिनेता ने कहा कि फिल्म ने रोजाना लगभग 15-19 लाख रुपये की कमाई की, जो 5000-6000 स्क्रीन पर रिलीज होने वाली बड़ी फिल्मों की तुलना में अच्छी है। ऐसे में ‘जोरम’ एक सफल फिल्म है।
देवाशीष मखीजा द्वारा लिखित और निर्देशित ‘जोरम’ की कहानी दसरू की है, जो पत्नी की हत्या का आरोप लगने के बाद 3 महीने की बेटी के साथ वापस गांव जाने की कोशिश में जुटा है।
मनोज जी मानते हैं कि ये दर्शकों की अपनी पसंद है, लेकिन वो यह भी देखना चाहते हैं कि उन्हें जैसी फिल्में बनानी हैं, उन्हें देखने में दर्शकों की कितनी दिलचस्पी है।
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