आदित्य-एल1 पहुंच गया बधाई हो !

आदित्य-एल1, आदित्य ल1 पहुंच गया बधाई हो !

  

आदित्य-एल1 सूर्य के व्यापक अध्ययन के लिए समर्पित उपग्रह है। आदित्य का अर्थ सूर्य है। एल1 अंतरिक्ष में एक स्थान है जहां सूर्य और पृथ्वी जैसे दो खगोलीय पिंडों के गुरुत्वाकर्षण बल संतुलन में हैं।

आदित्य-एल1 पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किमी दूर, सूर्य की ओर निर्देशित रहेगा, जो पृथ्वी-सूर्य की दूरी का लगभग 1% है। आदित्य-एल1 अपने लक्ष्य तक पहुंचने के साथ ही भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और इतिहास रच दिया है. सूर्य के अध्ययन के लिए भारत द्वारा लॉन्च किया गया सोलर ऑब्जर्वेटरी- आदित्य L1 अपने लक्ष्य “लैग्रेंज प्वाइंट” तक सफलतापूर्वक पहुंच गया। आदित्य L1 को पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय करने में लगभग 126 दिनों का समय लगा।
आदित्य-एल1 न तो सूर्य पर उतरेगा और न ही सूर्य के करीब आएगा।

आदित्य एल-1 का लक्ष्य क्या है?

आदित्य एल-1 एक विशेष कक्षा से सूर्य का अध्ययन करेगा। यह पृथ्वी से लगभग 15 लाख किमी दूर लैग्रेंज पॉइंट 1 (एल1) नामक स्थान पर स्थित होगा, जो बिना किसी रुकावट के सूर्य के निरंतर अवलोकन की अनुमति देता है12. इस मिशन का लक्ष्य सूर्य के क्रोमोस्फेयर और कोरोना की गतिशीलता, सूर्य के तापमान, कोरोनल मास इजेक्शन, कोरोना के तापमान, अंतरिक्ष मौसम समेत कई दूसरे वैज्ञानिक पहलुओं का अध्ययन करना है।

The Inter-University Centre for Astronomy and Astrophysics (IUCAA) के वैज्ञानिक प्रो. ए. एन. रामप्रकाश ने बताया कि आदित्य एल-1 के साथ 7 पेलोड भी अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे। ये पेलोड सूरज के प्रकाशमंडल, वर्णमंडल और सबसे बाहरी परत का अध्ययन करेंगे। सात में से चार पेलोड लगातार सूर्य पर नजर रखेंगे जबकि तीन पेलोड परिस्थितियों के हिसाब से कणों और मैग्नेटिक फील्ड का अध्ययन करेंगे।

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