जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को जन्म शताब्दी के अवसर पर मरणोंपरांत भारतरत्न दिये जाने की घोषणा ।
बिहार के लिए आज बहुत बड़ा दिन है । बिहार के लाल, पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से नवाजा जायेगा।
जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को जन्म शताब्दी के अवसर पर मरणोंपरांत भारतरत्न दिये जाने की घोषणा, सामाजिक न्याय की जीत है तथा कर्पूरी ठाकुर जी के विराट व्यक्तित्व के अनुरूप भी। साथ ही साथ यह सम्मान इस देश के गरीबों, आदिवासियों, दलितों, पिछडो व महिलाओ को सम्मान दिलाने, गैर बराबरी खत्म कर समता मूलक समाज बनाने, जाति-पाति, छुआछूत, ऊंच-नीच खत्म करने हेतु किये गये कर्पूरी ठाकुर जी के प्रयासों व संघर्षो की भी जीत है ।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया जाएगा। कर्पूरी ठाकुर की पहचान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक और राजनीतिज्ञ के रूप में रही है। वह बिहार के दूसरे उपमुख्यमंत्री और दो बार मुख्यमंत्री रहे थे। लोकप्रियता के कारण उन्हें जन-नायक कहा जाता था।
कौन थे जननायक कर्पूरी ठाकुर?
कर्पूरी ठाकुर को बिहार की सियासत में सामाजिक न्याय की अलख जगाने वाला नेता माना जाता है। कर्पूरी ठाकुर को बिहार की सियासत में सामाजिक न्याय की अलख जगाने वाला नेता माना जाता है। कर्पूरी ठाकुर साधारण नाई परिवार में जन्मे थें।
इस देश के गरीबों, आदिवासियों, दलितों, पिछडो व महिलाओ को सम्मान दिलाने, गैर बराबरी खत्म कर समता मूलक समाज बनाने, जाति-पाति, छुआछूत, ऊंच-नीच खत्म करने हेतु किये गये कर्पूरी ठाकुर जी के प्रयासों व संघर्षो में उनकी अहम् भूमिका रही है।
1970 और 1977 में मुख्यमंत्री रहें थे जननायक कर्पूरी ठाकुर जी ।
1970 में पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। 22 दिसंबर 1970 को उन्होंने पहली बार राज्य की कमान संभाली थी। उनका पहला कार्यकाल महज 163 दिन का रहा था। 1977 की जनता लहर में जब जनता पार्टी को भारी जीत मिली तब भी कर्पूरी ठाकुर दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। अपना यह कार्यकाल भी वह पूरा नहीं कर सके। इसके बाद भी महज दो साल से भी कम समय के कार्यकाल में उन्होंने समाज के दबे-पिछड़ों गरीबों, आदिवासियों, दलितों, पिछडो व महिलाओ लोगों के हितों के लिए काम किया।
बिहार में मैट्रिक तक पढ़ाई मुफ्त की दी। वहीं, राज्य के सभी विभागों में हिंदी में काम करने को अनिवार्य बना दिया। उन्होंने अपने कार्यकाल में दबे-पिछड़ों गरीबों, आदिवासियों, दलितों, व महिलाओ, पिछड़ों और अति पिछड़ों के हक में ऐसे तमाम काम किए, जिससे बिहार की सियासत में आमूलचूल परिवर्तन आ गया। इसके बाद कर्पूरी ठाकुर की राजनीतिक ताकत में जबरदस्त इजाफा हुआ और वो बिहार की सियासत में समाजवाद का बड़ा चेहरा बन गए।
जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को बिहार की राजनीति में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। 1988 में कर्पूरी ठाकुर का निधन हो गया था, लेकिन इतने साल बाद भी वो बिहार के पिछड़े और अति पिछड़े मतदाताओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
अब तक के भारत रत्न से सम्मानित देश की महान विभूतियां के नाम जानें।
1954
1- सी राजगोपालाचारी (राजनेता, लेखक, वकील और इंडिपेंडेंट एक्टिविस्ट) – तमिलनाडु
2- सर्वपल्ली राधाकृष्णन (दार्शनिक और राजनीतिज्ञ) – तमिलनाडु
3- सीवी रमन (भौतिक शास्त्री) – तमिलनाडु
1955
4- भगवान दास (दार्शनिक) – उत्तर प्रदेश
5- एम विश्वेश्वरैया (सिविल इंजीनियर, राजनेता) – कर्नाटक
6- जवाहर लाल नेहरू (पूर्व प्रधानमंत्री और लेखक) – उत्तर प्रदेश
1957
7- गोविंद बल्लभ पंत (स्वतंत्रता सेनानी)-उत्तराखंड
1958
8- धोंडो केशव कर्वे (समाज सुधारक और शिक्षक) – महाराष्ट्र
1961
9- बिधान चंद्र रॉय (चिकित्सक, राजनेता, परोपकारी) – पश्चिम बंगाल
10- पुरूषोत्तम दास टंडन (स्वतंत्रता सेनानी) – उत्तर प्रदेश
1962
11-राजेंद्र प्रसाद (वकील, राजनेता और विद्वान) – बिहार
1963
12- ज़ाकिर हुसैन (शिक्षा दार्शनिक) – आंध्र प्रदेश
13- पांडुरंग वामन काणे (इंडोलॉजिस्ट और संस्कृत विद्वान) – महाराष्ट्र
1966
14- लाल बहादुर शास्त्री (स्वतंत्रता सेनानी) – उत्तर प्रदेश
1971
15- इंदिरा गांधी (राजनेता) – उत्तर प्रदेश
1975
16- वी वी गिरि (समाज सुधारक) – ओडिशा
1976
17- के कामराज (राजनेता) – तमिलनाडु
1980
18- मदर टेरेसा (कैथोलिक नन) – पश्चिम बंगाल
1983
19- विनोबा भावे (समाज सुधारक) – महाराष्ट्र
1987
20- खान अब्दुल गफ्फार खान (समाज सुधारक) – पाकिस्तान
1988
21- एम जी रामचन्द्रन (अभिनेता और राजनेता) – तमिलनाडु
1990
22- बी आर अम्बेडकर (समाज सुधारक) – महाराष्ट्र
23- नेल्सन मंडेला (रंगभेद विरोधी कार्यकर्ता) – दक्षिण अफ्रीका
1991
24- राजीव गांधी (राजनेता) – उत्तर प्रदेश
25- सदर वल्लभभाई पटेल (स्वतंत्रता सेनानी) – गुजरात
26- मोरारजी देसाई (राजनेता) – गुजरात
1992
27- अब्दुल कलाम आज़ाद (वैज्ञानिक) – पश्चिम बंगाल
28- जेआरडी टाटा (उद्योगपति) – महाराष्ट्र
29- सत्यजीत रे (फिल्म निर्माता) – पश्चिम बंगाल
1997
30- गुलज़ारीलाल नंदा (भारतीय राजनीतिज्ञ) – पंजाब
31- अरुणा आसफ अली (स्वतंत्रता सेनानी) – पश्चिम बंगाल
32- ए पी जे अब्दुल कलाम (एयरोस्पेस और रक्षा वैज्ञानिक) – तमिलनाडु
1998
33- एमएस सुब्बुलक्ष्मी (कर्नाटक शास्त्रीय गायिका) – तमिलनाडु
34- चिदम्बरम सुब्रमण्यम (भारतीय राजनीतिज्ञ) – तमिलनाडु
1999
35- जयप्रकाश नारायण (समाज सुधारक) – बिहार
36- अमर्त्य सेन (अर्थशास्त्री) – पश्चिम बंगाल
37- गोपीनाथ बोरदोलोई (स्वतंत्रता सेनानी) – असम
38- रविशंकर (सितार वादक) – उत्तर प्रदेश
2001
39- लता मंगेशकर (पार्श्व गायिका) – महाराष्ट्र
40- बिस्मिल्लाह खान (हिंदुस्तानी शास्त्रीय शहनाई वादक) – उत्तर प्रदेश
2009
41- भीमसेन जोशी (हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक) – कर्नाटक
2014
42- सीएनआर राव (प्रोफेसर) – कर्नाटक
43- सचिन तेंदुलकर (क्रिकेटर) – महाराष्ट्र
2015
44- मदन मोहन मालवीय (विद्वान एवं समाज सुधारक)-उत्तर प्रदेश
45- अटल बिहारी वाजपेयी (राजनेता) – मध्य प्रदेश
2019
46- नानाजी देशमुख (समाजसेवी) – महाराष्ट्र
47- भूपेन हजारिका (पार्श्व गायक, गीतकार, संगीतकार, कवि और फिल्म निर्माता) – असम
48- प्रणब मुखर्जी (राजनेता) – पश्चिम बंगाल
2024
49- जननायक कर्पूरी ठाकुर (राजनेता)-बिहार 2023
नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी जयंती की शुभकामनाएं। (sinsonnews.com)
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