24 जनवरी का इतिहास भारत के लोकतंत्र के लिए अहम क्यों माना जाता है?
24 जनवरी, देश को मिला पहला राष्ट्रपति, राष्ट्रगान और संविधान ।
24 जनवरी का इतिहास भारत के लोकतंत्र के लिए काफी अहम माना जाता है ये वो दिन है जब देश को अपना संविधान मिला, इतना ही नहीं राष्ट्रपति और राष्ट्रगान भी मिला ।24 जनवरी 1950 को ही 284 सदस्यों ने संविधान को अपनाने और लागू करने के समर्थन में अपने हस्ताक्षर किए , इसी दिन 1952 में चुनाव होने के बाद पहली बार देश की संसद का गठन किया गया था और 1950 में आज ही के दिन संविधान सभा ने डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को देश का पहला राष्ट्रपति चुना था । नोबेल पुरस्कार से सम्मानित रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित ‘जन गण मन’ को आज़ाद भारत के राष्ट्रगान के रूप में 24 जनवरी 1950 को बाबा साहेब के संविधान ने राष्ट्रगान को अपनाया था, जो की मूल रूप से बांग्ला भाषा में सन् 1911 में लिखा गया था और स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारतीयों में देशभक्ति का जोश भरा। इसके हिंदी संस्करण को संविधान सभा ने भारत के राष्ट्रगान के रूप में अपनाया था ।
पंडित भीमसेन जोशी जी इन्हें 4 नवम्बर, 2008 को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया, जो कि भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इन्हें भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में सन 1975 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। 24 जनवरी 2011 को भारतीय शास्त्रीय संगीत के सबसे सशक्त और सुरीली आवाज भारत रत्न पंडित भीमसेन जोशी हमेशा के लिए खो गई ।
दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाले गीत ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ को अपनी आवाज देकर हर देशवासी को एक सूत्र में पिरोने का सुरीला संदेश देने वाले पंडित जोशी गायन शैली को एक नये मुकाम तक पहुंचाया ।
24 जनवरी 2024 को ही जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की जन्म-शताब्दी (24 जनवरी 24) की संध्या पर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करने की घोषणा हुई है।
24 जनवरी 1966, आज ही के दिन भारतरत्न श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थीं।
राष्ट्रगान अंगीकरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
https://www.youtube.com/watch?v=JKueG7SnuWk
जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को जन्म शताब्दी के अवसर पर मरणोंपरांत भारतरत्न दिये जाने की घोषणा ।
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