World Cancer Day 2024: हर साल 4 फरवरी को पुरे दुनिया में कैंसर अवेयरनेस के रूप में मनाया जाता है वर्ल्ड कैंसर डे, जानें , कैंसर के लक्षण और बचाव।

World Cancer Day 2024: हर साल 4 फरवरी को पुरे दुनिया में कैंसर अवेयरनेस के रूप में मनाया जाता है वर्ल्ड कैंसर डे, जानें , कैंसर के लक्षण और बचाव।

World Cancer Day 2024

वैश्विक स्तर पर बढ़ते कैंसर के जोखिमों को लेकर लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। विश्व कैंसर दिवस का इस साल का थीम है “क्लोज द केयर गैप” है। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि 2050 तक कैंसर के नए मामले 77 प्रतिशत बढ़ जाएंगे ।

2022 में अनुमानित 20 मिलियन नए कैंसर मामले थे, 2050 तक 35 मिलियन से अधिक नए मामलों की भविष्यवाणी की गई थी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन की कैंसर एजेंसी के पूर्वानुमानों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर कैंसर के नए मामलों की संख्या 2050 में 35 मिलियन तक पहुंच जाएगी, जो 2022 के आंकड़े से 77 प्रतिशत अधिक है।

WHO की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण में अनुमानित वृद्धि के प्रमुख कारकों के रूप में तंबाकू, शराब, मोटापा और वायु प्रदूषण का हवाला दिया गया। कैंसर जानलेवा बिमारियों में से एक है, किसी भी उम्र के व्यक्ति में कैंसर का खतरा हो सकता है। तंबाकू, शराब, मोटापा और वायु प्रदूषण , खराब लाइफस्टाइल, रसायनों के अधिक संपर्क और खान-पान की गड़बड़ आदतों के कारण इसका जोखिम और भी तेजी से बढ़ता हुआ देखा गया है। जिन कैंसर के कारण पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा मौत के मामले दर्ज किए गए हैं, फेफड़ों का कैंसर उनमें से एक है। युवा आबादी में इस प्रकार के कैंसर का खतरा अधिक देखा जा रहा है।

फेफड़ों का कैंसर पुरुषों-महिलाओं दोनों में कैंसर से होने वाली मौतों का शीर्ष कारण है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने पाया कि हमारे लाइफस्टाइल की कुछ आदतें इसके जोखिमों को बढ़ा रही हैं, धूम्रपान उनमें सबसे प्रमुख है।

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) विशेषज्ञ कहते हैं, फेफड़ों के कैंसर के लिए सिगरेट (धूम्रपान) प्रमुख जोखिम कारक है। संयुक्त राज्य अमेरिका में, फेफड़ों के कैंसर से होने वाली लगभग 80-90% मौतों के लिए सिगरेट मुख्य कारण है।

तम्बाकू के धुआं में 7,000 से अधिक रसायनों का जहरीला मिश्रण होता है, जिससे न केवल फेफड़ों के क्षति पहुंचती है, साथ ही ये हृदय, मस्तिष्क, तंत्रिकाओं से संबंधित गंभीर बीमारियों के खतरे को बढ़ाने वाली आदत भी हो सकती है। लंग्स कैंसर से बचने के लिए सिगरेट से बिल्कुल दूरी बनाना जरूरी है।

तंबाकू, शराब, मोटापा और वायु प्रदूषण, धूम्रपान कैंसर के प्रमुख कारक ।

मुख्य रूप से धूम्रपान , कैंसर रिसर्च यूके की रिपोर्ट कहती है धूम्रपान कई प्रकार से कैंसर का कारण बनती है। यह सबसे पहले हमारी कोशिकाओं में डीएनए को नुकसान पहुंचाना शुरू करती है। डीएनए ही हमारी कोशिकाओं के विकास और कार्यों को नियंत्रित करता है। डीएनए में होने वाली क्षति के कारण कोशिकाएं असामान्य तरीके से परिवर्तित होने लगती हैं, और समय के साथ डीएनए क्षति के बढ़ने से कैंसर हो सकता है।

अध्ययनकर्ता बताते हैं, धूम्रपान को कभी भी छोड़ देना लाभकारी है। ये शरीर के लिए साइलेंट जहर जैसा है।

पैसिव स्मोकिंग (passive smoking) के नुकसान

सीडीसी विशेषज्ञों का कहना है, भले ही आप धूम्रपान नहीं करते हैं पर अगर ऐसे लोगों के सपर्क में रहते हैं जिनको धूम्रपान की आदत है तो भी आप कैंसर के शिकार हो सकते हैं। पैसिव स्मोकिंग (passive smoking) के कारण सिगरेट न पीने वालों में भी इस कैंसर का जोखिम हो सकता है। पैसिव स्मोकिंग (passive smoking) का मतलब तंबाकू उत्पादों को जलाने से निकलने वाले धुएं में सांस लेने से है।

पैसिव स्मोकिंग (passive smoking) भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा 20-30% तक बढ़ा सकती है। धूम्रपान न करने वाले अमेरिकी वयस्कों में हर साल पैसिव स्मोकिंग (passive smoking) के कारण फेफड़ों के कैंसर से 7,300 से अधिक मौतें होती हैं।

आईएआरसी ने एक बयान में कहा, “2050 में 35 मिलियन से अधिक नए कैंसर के मामलों की भविष्यवाणी की गई है, जो 2022 में निदान किए गए लगभग 20 मिलियन मामलों से 77 प्रतिशत की वृद्धि है।”

आईएआरसी में कैंसर निगरानी के प्रमुख फ्रेडी ब्रे ने गुरुवार को अल जज़ीरा को बताया, “निश्चित रूप से नए अनुमान आज कैंसर के पैमाने और वास्तव में अगले वर्षों और दशकों में कैंसर के बढ़ते बोझ को उजागर करते हैं।”

आईएआरसी ने 185 देशों और 36 कैंसर के आंकड़ों पर आधारित अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट के साथ बयान में कहा कि 2022 में अनुमानित रूप से 9.7 मिलियन कैंसर से मौतें हुईं।

इसमें कहा गया है कि लगभग पांच में से एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर होता है, नौ में से एक पुरुष और 12 में से एक महिला की इस बीमारी से मृत्यु हो जाती है।

“तेजी से बढ़ता वैश्विक कैंसर का बोझ जनसंख्या की उम्र बढ़ने और वृद्धि दोनों को दर्शाता है, साथ ही लोगों के जोखिम कारकों के संपर्क में बदलाव को भी दर्शाता है, जिनमें से कई सामाजिक आर्थिक विकास से जुड़े हैं। कैंसर की बढ़ती घटनाओं के पीछे तम्बाकू, शराब और मोटापा प्रमुख कारक हैं, वायु प्रदूषण अभी भी पर्यावरणीय जोखिम कारकों का एक प्रमुख चालक है, ”आईएआरसी ने कहा।

Sreela Majumdar Died: बंगाली एक्ट्रेस श्रीला मजूमदार (उम्र 65 साल) का कैंसर से जंग हारीं 65 साल की उम्र हुआ निधन। (sinsonnews.com)

World Cancer Day 2024: Experts से जाने कैंसर से जुड़े ज़रूरी सवालों के जवाब | Tata 1mg (youtube.com)

 

Leave a Comment

close
Thanks !

Thanks for sharing this, you are awesome !