छत्रपति शिवाजी महाराज जी : जनकल्याण और आपसी भाईचारे के मूल्यों पर आधारित ‘स्वराज’ की स्थापना करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन !
छत्रपति शिवाजी महाराज जी , जनकल्याण और आपसी भाईचारे के मूल्यों पर आधारित ‘स्वराज’ की स्थापना करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन।
छत्रपति शिवाजी महाराज, इन्हे बहुत लोग हिंदू हृदय सम्राट कहते हैं कुछ लो इन्हे मराठा गौरव कहते हैं , जबकि वे भारतीय गणराज के महानायक थे। छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे जनकल्याणकारी राजा जिन्होंने अपनी प्रजा में जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नही किया।
शिवाजी महाराज ने दलित वर्ग के सैनिकों को किले का किलेदार बनाया।
शिवाजी पर मुस्लिम विरोधी होने का दोषारोपण किया जाता रहा हैं पर यह सत्य नहीं हैं उनके सेना में तो बहुतो के संख्या में मुस्लिम नायक एवं सेनानी थे ही , अनेको मुस्लिम सरदार और सूबेदार जैसे लोग भी थे।
मौलाना हैदर अली उनके गोपनीय सचिव थे। शिवाजी महाराज ने रायगढ़ किले के पास जगदीश्वर मंदिर के अलावा मस्जिद का भी निर्माण किया।
उनके शासनकाल में सामाजिक परिवर्तन की शुरुआत हो चुकी थी। शिवाजी महाराज जब अफ़ज़ल खान से मिलने जा रहे थे तब “वाघ नख” (शेर का नाखून) हथियार गुप्त तरीके से ले जाने की सलाह रुस्तमे जमाल ने दी जो शिवाजी महाराज के अंगरक्षक थे।
अफ़ज़ल खान ने शिवाजी महाराज से गले मिलते ही उन्हें मारने के उद्देश्य से दबोच लिया। शिवाजी महाराज ने वाघ नख से अफ़ज़ल खान को फाड़ दिया। अफ़ज़ल खान को बचाने उनका सचिव कृष्ण भास्कर कुलकर्णी तलवार लिए शिवाजी महाराज पर टूट पड़ा।
कृष्णा भास्कर कुलकर्णी एक ब्राह्मण और अफजल खान के सलाहकार नौकर थे। वह महाराष्ट्र के एक छोटे से कस्बे वाई (सतारा जिला) के रहने वाले थे। जब अफजल खान को सैय्यद बंदा के साथ छत्रपति शिवाजी महाराज को मारने के लिए भेजा गया था तब वह अफजल खान के साथ था।
शिवाजी महाराज ने कृष्णा भास्कर कुलकर्णी को भी वाघ नख से फाड़ दिया। इतना कुछ होने के बावजूद शिवाजी महाराज ने अफ़ज़ल खान की कब्र बनाने में योगदान दिया। उनका यह कदम इतिहास में उन्हें उच्च कोटि के पायदान पर रखता है। छत्रपति शिवाजी महाराज भारतीय गणराज के महानायक थे।
छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन से प्रेरित विचार।
- लक्ष्य जितना कठिन हो, संघर्ष उतना ही बड़ा होना चाहिए।
- क्रूरता के सामने निर्बल बने रहने से बेहतर है मानवता की रक्षा के लिए आवश्यकता पड़ने पर बल का प्रयोग किया जाए।
- सत्य का मार्ग ही आपको साहसी बनाता है, निरंतर प्रयास करते रहें और अपने लक्ष्य को पूरा करें।
- आने वाली पीढ़ी को विरासत में क्या देकर जाएंगे, ये केवल आप पर निर्भर करता है।
- मातृभूमि के प्रति सच्ची निष्ठा रखने वाला व्यक्ति ही अंत्योदय की विचारधारा अपनाता है।
- समय के कुचक्रों में फंसकर अपने जीवन के निर्णय लेने से, आप अपने विनाश का एक मुख्य कारण बन सकते हैं।
- अपने अधिकारों की बात रखना कुछ गलत नहीं, लेकिन इसके लिए आपकी रणनीति मायने रखती है।
- मानव को निर्णय लेने से पहले परिणामों के बारे में भी थोड़ा सोच विचार करना चाहिए।
- जीवन में आपका शत्रु कितना भी बलवान क्यों न हो, यदि आप में तनिक भर भी सच्चाई है तो जीत आपके हौसलों की ही होगी।
- युवाओं को स्वतंत्रता का सही अर्थ जानकर, मातभूमि की सेवा में समर्पित हो जाना चाहिए।
- “जो मनुष्य समय के कुचक्र में भी पूरी शिद्दत से अपने कार्यो मे लगा रहता है, उसके लिए समय खुद बदल जाता है।”
- “कोई भी कार्य करने से पहले उसका परिणाम सोच लेना हितकर होता है, क्योंकि हमारी आने वाली पीढ़ी उसी का अनुसरण करती है।”
- “स्वतंत्रता एक वरदान है, जिसे पाने का अधिकारी हर कोई है।”
- “अपनी गलतियों से सीखना ही सच्चा ज्ञान है।”
- “जो लोग अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहते हैं, वे ही सफलता प्राप्त करते हैं।”
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